woensdag 6 oktober 2010

अयोध्या हाशिम अंसारी की सुरक्षा कड़ी


अयोध्या हाशिम अंसारी की सुरक्षा कड़ी


अयोध्या विवाद में सबसे बुजुर्ग पक्षकार मोहम्मद हाशिम अंसारी की सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। उन्हें जान से मारने की कथित धमकी मिलने के बाद यह कदम उठाया गया है। उनके निवास पर पीएसी के चार जवान तैनात किए गए हैं। अंसारी फिलहाल यह मसला शांतिपूर्ण ढंग से सुलझाने की कोशिश में हैं। हालांकि सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने का फैसला किया है। इसके बावजूद अंसारी ने बुधवार को फिर अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत ज्ञानदास से मुलाकात की। करीब एक घंटे तक दोनों में बातचीत हुई। अंसारी के मुताबिक, बातचीत काफी सार्थक रही। ज्ञानदास ने उनसे कहा कि निर्मोही अखाड़े से परिषद बातचीत कर रही है।

आपसी सहमति बनने पर मुस्लिम पक्ष से बात की जाएगी। अंसारी अयोध्या के ही हाजी मेहबूब, बाबू खान व बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी के संयोजक और वकील जफरयाब जिलानी से सख्त नाराज हैं। वे कहते हैं कि यदि इन लोगों को लगता है कि ज्ञानदास से बात नहीं करनी चाहिए तो यही बताएं कि आखिर किससे बातचीत हो।

अंसारी ने कहा कि वे अयोध्या में पैदा हुए। यहीं वे जीवन के अंतिम पड़ाव पर पहुंच रहे हैं। उनकी चाहत है कि मामला उनके जीवन में ही सुलझ जाए और आने वाली पीढ़ी को इसका दंश नहीं झेलना पड़े।

बिट्टा से मुलाकात:

इस बीच, आतंकवाद विरोधी मोर्चा के अध्यक्ष मनजीत सिंह बिट्टा ने अंसारी से मुलाकात की। बिट्टा ने कहा कि वे इस समस्या को सुलझाने की शांतिपूर्ण कोशिशों का समर्थन करते हैं।

- ‘राम का भव्य मंदिर बनना है। यह माचिस की डिबिया में तो बन नहीं सकता। भव्य मंदिर के लिए विवादित स्थल के एक-तिहाई के बजाय काफी जमीन की आवश्यकता पड़ेगी।’- त्रिलोकी नाथ पांडेय, अयोध्या विवाद में एक पक्षकार

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